योनि
महिला के यौनांग शरीर के अन्दर एवं बाहर होते हैं। ’योनि‘ शब्द का प्रयोग अक्सर महिला के जननांग या यौनांग के लिए किया जाता है जबकी योनि यौनांगों का सिर्फ एक भाग है। योनि एक नली या द्वार है जो बाहरी यौनांगों को भीतरी यौनांगों से जोड़ती है।
योनि वह रास्ता है जो की वल्वा (महिला के भीतरी यौनांग) को गर्भाशय (यूटरस) से जोड़ता है। यही वह जगह है जहाँ से मासिक धर्म के समय रक्तस्राव होता है, योनि में मैथुन के समय लिंग का प्रवेश होता है और जन्म के समय बच्चा बाहर आता है। योनि एक मांसपेशी से बना अंग है जिसके चारों ओर श्लेष्मा(म्यूकस) परत होती है - ऐसी त्वचा जो नमी पैदा करती है, मुँह के अन्दर की नमी की तरह। यह नमी सेक्स के दौरान चिकनाई का काम करती है जिससे सेक्स अधिक आरामदायक एवं आनन्ददायक हो सकता है और यह संक्रमण से बचाव भी।
जब कोई महिला यौन रुप से उत्तेजित होती हैं तो योनि में गीलापन बढ़ जाता है और वह रिलैक्स या तनावरहित हो जाती है। इससे योनि को लिंग या उंगली के आकार के अनुरुप होने में मदद मिलती है। चूंकि योनि मांसपेशी युक्त है, यह फैल या सिकुड़ सकती है और इस पर आप का स्वयं थोड़ा नियंत्रण होता है।
स्वयं अनुभव करके देखें
1. मूत्रत्याग करते समय महिला अपनी मांसपेशियों को सिकोड़ने और तनावमुक्त करने की कोशिश कर सकती हैं। ऐसा करने से उन्हें मूत्र की मात्रा एवं गति पर कुछ नियंत्रण हो सकता है। यह वही मांसपेशियां हैं जो यानि को कसती हैं। महिला इस नियंत्रण का उपयोग सेक्स के दौरान भी कर सकती हैं।
2. आइने या दर्पण की मदद से अपने योनिद्वार को देख व समझ बूझ सकती हैं। आप उंगलियों से छूकर महसूस भी कर सकती हैं की योनि कैसी होती है।
3. आप योनि के अंदर उंगली डालकर योनि को महसूस कर सकतीं हैं। योनि अन्दर से गालों के भीतर की त्वचा की तरह नम होती है और यह मुँह के अंदर के ऊपरी हिस्से की तरह ऊबड़ खाबड़ भी हो सकती है।
4. महिला अपनी योनि या टिठनी (क्लिटोरिस) को सहलाकर यह जान सकती हैं की उन्हें क्या अच्छा लगता है और क्या करने से उत्तेजना महसूस होती है। ऐसा करके वे चरमआनन्द भी प्राप्त कर सकती हैं।
हस्तमैथुन - खुद को सहला कर आनन्द प्राप्त करना - स्वयं को जानने का एक तरीका है। यह जानने की आपको किस तरह से ज़्यादा संतुष्टि या उत्तेजना मिलती है, आपको अपने साथी के साथ भी सेक्स करने में आनन्द प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।
श्रोणी तल (पेल्विक फ्लोर)
श्रोणी की हड्डी योनि एवं पेट के बीच में होती है। अनुत्रिक (कॉक्सिक्स) या टेल बोन रीढ़ की हड्डी के अन्त में होती है, ठीक मलद्वार के ऊपर।
स्वयं महसूस करें
महिला अपनी श्रोणी तल की मांसपेशियों को कसने और फिर तनावमुक्त करने की कोशिश कर सकती हैं। ऐसा करने का एक तरीका यह भी है कि मूत्र विसर्जन को बीच में ही रोकने की कोशिश की जाए। यह क्रिया भी श्रोणी तल की मांसपेशियों की मदद से ही किया जा सकता है।
वैद्य एस0के0यादव
महिला के यौनांग शरीर के अन्दर एवं बाहर होते हैं। ’योनि‘ शब्द का प्रयोग अक्सर महिला के जननांग या यौनांग के लिए किया जाता है जबकी योनि यौनांगों का सिर्फ एक भाग है। योनि एक नली या द्वार है जो बाहरी यौनांगों को भीतरी यौनांगों से जोड़ती है।
योनि वह रास्ता है जो की वल्वा (महिला के भीतरी यौनांग) को गर्भाशय (यूटरस) से जोड़ता है। यही वह जगह है जहाँ से मासिक धर्म के समय रक्तस्राव होता है, योनि में मैथुन के समय लिंग का प्रवेश होता है और जन्म के समय बच्चा बाहर आता है। योनि एक मांसपेशी से बना अंग है जिसके चारों ओर श्लेष्मा(म्यूकस) परत होती है - ऐसी त्वचा जो नमी पैदा करती है, मुँह के अन्दर की नमी की तरह। यह नमी सेक्स के दौरान चिकनाई का काम करती है जिससे सेक्स अधिक आरामदायक एवं आनन्ददायक हो सकता है और यह संक्रमण से बचाव भी।
जब कोई महिला यौन रुप से उत्तेजित होती हैं तो योनि में गीलापन बढ़ जाता है और वह रिलैक्स या तनावरहित हो जाती है। इससे योनि को लिंग या उंगली के आकार के अनुरुप होने में मदद मिलती है। चूंकि योनि मांसपेशी युक्त है, यह फैल या सिकुड़ सकती है और इस पर आप का स्वयं थोड़ा नियंत्रण होता है।
स्वयं अनुभव करके देखें
1. मूत्रत्याग करते समय महिला अपनी मांसपेशियों को सिकोड़ने और तनावमुक्त करने की कोशिश कर सकती हैं। ऐसा करने से उन्हें मूत्र की मात्रा एवं गति पर कुछ नियंत्रण हो सकता है। यह वही मांसपेशियां हैं जो यानि को कसती हैं। महिला इस नियंत्रण का उपयोग सेक्स के दौरान भी कर सकती हैं।
2. आइने या दर्पण की मदद से अपने योनिद्वार को देख व समझ बूझ सकती हैं। आप उंगलियों से छूकर महसूस भी कर सकती हैं की योनि कैसी होती है।
3. आप योनि के अंदर उंगली डालकर योनि को महसूस कर सकतीं हैं। योनि अन्दर से गालों के भीतर की त्वचा की तरह नम होती है और यह मुँह के अंदर के ऊपरी हिस्से की तरह ऊबड़ खाबड़ भी हो सकती है।
4. महिला अपनी योनि या टिठनी (क्लिटोरिस) को सहलाकर यह जान सकती हैं की उन्हें क्या अच्छा लगता है और क्या करने से उत्तेजना महसूस होती है। ऐसा करके वे चरमआनन्द भी प्राप्त कर सकती हैं।
हस्तमैथुन - खुद को सहला कर आनन्द प्राप्त करना - स्वयं को जानने का एक तरीका है। यह जानने की आपको किस तरह से ज़्यादा संतुष्टि या उत्तेजना मिलती है, आपको अपने साथी के साथ भी सेक्स करने में आनन्द प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।
श्रोणी तल (पेल्विक फ्लोर)
श्रोणी की हड्डी योनि एवं पेट के बीच में होती है। अनुत्रिक (कॉक्सिक्स) या टेल बोन रीढ़ की हड्डी के अन्त में होती है, ठीक मलद्वार के ऊपर।
स्वयं महसूस करें
महिला अपनी श्रोणी तल की मांसपेशियों को कसने और फिर तनावमुक्त करने की कोशिश कर सकती हैं। ऐसा करने का एक तरीका यह भी है कि मूत्र विसर्जन को बीच में ही रोकने की कोशिश की जाए। यह क्रिया भी श्रोणी तल की मांसपेशियों की मदद से ही किया जा सकता है।
वैद्य एस0के0यादव
No comments:
Post a Comment