मानव शरीर में प्रत्येक अंग की तरह किडनी यानी कि गुर्दा भी एक महत्वपूर्ण अंग है। यह पूरे मानव शरीर का एक मात्र ऐसा जोड़ा अंग है जिसमें एक के निष्क्रिय हो जाने के बाद भी आदमी जीवित रह सकता है। मनुष्य को जागरूक करने लिए मार्च महीने के दूसरे गुरुवार को विश्व गुर्दा दिवस मनाया जाता है। निसंदेह इसका मकसद लोगों को शरीर के इस महत्वपूर्ण अंग के प्रति सचेत और जागरूक करना ही है। मगर आज की भागदौड़ भरी जिंदगी और खानपान के असंतुलन से जाने-अंजाने
इस अंग को बीमारियों ने घेर लिया है।
गुर्दे शरीर में फिल्टर का काम करते हैं
शरीर में दो गुर्दे होते है, जो रीढ़ की हड्डी के दोनों तरफ पेट के पिछले भाग में होते है। मूल रूप से गुर्दे हमारे शरीर में उत्पन्न हुए जहर को बाहर निकालकर खून की सफाई का काम करते है। दरअसल गुर्दे हमारे शरीर में फिल्टर का काम करते है। इससे शरीर में पानी व नमक की मात्रा नियंत्रित रहती है। गुर्दे फिल्टर के अलावा खून की कमी को भी दूर करते है और हड्डियों को मजबूत रखते है। यदि किसी व्यक्ति के गुर्दो में दिक्कत होती है तो फिर शरीर के दूसरे अंग भी ठीक तरह से काम नहीं करते। आज जबकि रक्तचाप यानी ब्लड प्रेशर और शुगर की बीमारी बढ़ रही है तो उससे गुर्दो के लिए भी परेशानी बढ़ गई है। इन दोनों रोगों का गुर्दो पर सबसे ज्यादा विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। स्वाभाविक है कि जब गुर्दे ठीक से काम नहीं करेंगे तो इससे शरीर में रोगों की संख्या भी बढ़ती जाती है। यदि शरीर में लगातार ऐसी स्थिति बनी रहती है तो एक समय के बाद गुर्दे काम करना बंद कर देते है।
सावधानी और खान-पान नियंत्रण से गुर्दा रहेगा सुरक्षित
गुर्दो में भी कई रोग होते है जैसे पथरी, मूत्राशय में संक्रमण व रूकावट, कैंसर आदि। वैसे तो आज की अत्याधुनिक पद्धति से इलाज के चलते गुर्दे के रोगों का इलाज भी काफी हद तक संभव हो रहा है लेकिन सावधानी और जागरूकता से इन रोगों से बचाव भी हो सकता है।
-गुर्दे की बीमारी के लक्षण
पेशाब में खून आना
पेशाब की मात्रा में कमी होना
पैरों व आखों में सूजन आना
शीघ्र थकान महसूस होना
पेशाब में जलन होना और बार-बार आना
ब्लड प्रेशर अनियंत्रित होना
-गुर्दे की बीमारी से बचने के उपाय
नियमित व्यायाम करे
रोजाना तीन से चार लीटर पानी पीएं
दर्द की गोलियों का अनावश्यक सेवन न करे
ब्लड प्रेशर व शूगर की नियमित जाच कराएं
धूम्रपान, शराब के सेवन और फास्ट फूड से बचें
खाने में नमक की मात्रा कम रखें
35 वर्ष की उम्र के बाद खून व पेशाब की जाच अवश्य कराएं
गुर्दे की बीमारी का शीघ्र पता चलने पर इसमें पूर्ण इलाज संभव है और बीमारी को बढ़ने से रोका जा सकता है। इसलिए जरूरी है कि ब्लड प्रेशर व डायबिटिज की नियमित जांच कराई जाए।
वैद्य— एस के यादव
इस अंग को बीमारियों ने घेर लिया है।
गुर्दे शरीर में फिल्टर का काम करते हैं
शरीर में दो गुर्दे होते है, जो रीढ़ की हड्डी के दोनों तरफ पेट के पिछले भाग में होते है। मूल रूप से गुर्दे हमारे शरीर में उत्पन्न हुए जहर को बाहर निकालकर खून की सफाई का काम करते है। दरअसल गुर्दे हमारे शरीर में फिल्टर का काम करते है। इससे शरीर में पानी व नमक की मात्रा नियंत्रित रहती है। गुर्दे फिल्टर के अलावा खून की कमी को भी दूर करते है और हड्डियों को मजबूत रखते है। यदि किसी व्यक्ति के गुर्दो में दिक्कत होती है तो फिर शरीर के दूसरे अंग भी ठीक तरह से काम नहीं करते। आज जबकि रक्तचाप यानी ब्लड प्रेशर और शुगर की बीमारी बढ़ रही है तो उससे गुर्दो के लिए भी परेशानी बढ़ गई है। इन दोनों रोगों का गुर्दो पर सबसे ज्यादा विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। स्वाभाविक है कि जब गुर्दे ठीक से काम नहीं करेंगे तो इससे शरीर में रोगों की संख्या भी बढ़ती जाती है। यदि शरीर में लगातार ऐसी स्थिति बनी रहती है तो एक समय के बाद गुर्दे काम करना बंद कर देते है।
सावधानी और खान-पान नियंत्रण से गुर्दा रहेगा सुरक्षित
गुर्दो में भी कई रोग होते है जैसे पथरी, मूत्राशय में संक्रमण व रूकावट, कैंसर आदि। वैसे तो आज की अत्याधुनिक पद्धति से इलाज के चलते गुर्दे के रोगों का इलाज भी काफी हद तक संभव हो रहा है लेकिन सावधानी और जागरूकता से इन रोगों से बचाव भी हो सकता है।
-गुर्दे की बीमारी के लक्षण
पेशाब में खून आना
पेशाब की मात्रा में कमी होना
पैरों व आखों में सूजन आना
शीघ्र थकान महसूस होना
पेशाब में जलन होना और बार-बार आना
ब्लड प्रेशर अनियंत्रित होना
-गुर्दे की बीमारी से बचने के उपाय
नियमित व्यायाम करे
रोजाना तीन से चार लीटर पानी पीएं
दर्द की गोलियों का अनावश्यक सेवन न करे
ब्लड प्रेशर व शूगर की नियमित जाच कराएं
धूम्रपान, शराब के सेवन और फास्ट फूड से बचें
खाने में नमक की मात्रा कम रखें
35 वर्ष की उम्र के बाद खून व पेशाब की जाच अवश्य कराएं
गुर्दे की बीमारी का शीघ्र पता चलने पर इसमें पूर्ण इलाज संभव है और बीमारी को बढ़ने से रोका जा सकता है। इसलिए जरूरी है कि ब्लड प्रेशर व डायबिटिज की नियमित जांच कराई जाए।
वैद्य— एस के यादव
No comments:
Post a Comment